31قُل تَرَبَّصوا فَإِنّي مَعَكُم مِنَ المُتَرَبِّصينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतुम कह दो कि (अच्छा) तुम भी इन्तेज़ार करो मैं भी इन्तेज़ार करता हूँ