94يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا لَيَبلُوَنَّكُمُ اللَّهُ بِشَيءٍ مِنَ الصَّيدِ تَنالُهُ أَيديكُم وَرِماحُكُم لِيَعلَمَ اللَّهُ مَن يَخافُهُ بِالغَيبِ ۚ فَمَنِ اعتَدىٰ بَعدَ ذٰلِكَ فَلَهُ عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमानदारों कुछ शिकार से जिन तक तुम्हारे हाथ और नैज़ें पहुँच सकते हैं ख़ुदा ज़रुर इम्तेहान करेगा ताकि ख़ुदा देख ले कि उससे बे देखे भाले कौन डरता है फिर उसके बाद भी जो ज्यादती करेगा तो उसके लिए दर्दनाक अज़ाब है