59قُل يا أَهلَ الكِتابِ هَل تَنقِمونَ مِنّا إِلّا أَن آمَنّا بِاللَّهِ وَما أُنزِلَ إِلَينا وَما أُنزِلَ مِن قَبلُ وَأَنَّ أَكثَرَكُم فاسِقونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल अहले किताब से कहो कि) आख़िर तुम हमसे इसके सिवा और क्या ऐब लगा सकते हो कि हम ख़ुदा पर और जो (किताब) हमारे पास भेजी गयी है और जो हमसे पहले भेजी गयी ईमान लाए हैं और ये तुममें के अक्सर बदकार हैं