You are here: Home » Chapter 5 » Verse 30 » Translation
Sura 5
Aya 30
30
فَطَوَّعَت لَهُ نَفسُهُ قَتلَ أَخيهِ فَقَتَلَهُ فَأَصبَحَ مِنَ الخاسِرينَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

अन्ततः उसके जी ने उस अपने भाई की हत्या के लिए उद्यत कर दिया, तो उसने उसकी हत्या कर डाली और घाटे में पड़ गया