28لَئِن بَسَطتَ إِلَيَّ يَدَكَ لِتَقتُلَني ما أَنا بِباسِطٍ يَدِيَ إِلَيكَ لِأَقتُلَكَ ۖ إِنّي أَخافُ اللَّهَ رَبَّ العالَمينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअगर तुम मेरे क़त्ल के इरादे से मेरी तरफ़ अपना हाथ बढ़ाओगे (तो ख़ैर बढ़ाओ) (मगर) मैं तो तुम्हारे क़त्ल के ख्याल से अपना हाथ बढ़ाने वाला नहीं (क्योंकि) मैं तो उस ख़ुदा से जो सारे जहॉन का पालने वाला है ज़रूर डरता हूं