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Sura 5
Aya 27
27
۞ وَاتلُ عَلَيهِم نَبَأَ ابنَي آدَمَ بِالحَقِّ إِذ قَرَّبا قُربانًا فَتُقُبِّلَ مِن أَحَدِهِما وَلَم يُتَقَبَّل مِنَ الآخَرِ قالَ لَأَقتُلَنَّكَ ۖ قالَ إِنَّما يَتَقَبَّلُ اللَّهُ مِنَ المُتَّقينَ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) तुम इन लोगों से आदम के दो बेटों (हाबील, क़ाबील) का सच्चा क़स्द बयान कर दो कि जब उन दोनों ने ख़ुदा की दरगाह में नियाज़ें चढ़ाई तो (उनमें से) एक (हाबील) की (नज़र तो) क़ुबूल हुई और दूसरे (क़ाबील) की नज़र न क़ुबूल हुई तो (मारे हसद के) हाबील से कहने लगा मैं तो तुझे ज़रूर मार डालूंगा उसने जवाब दिया कि (भाई इसमें अपना क्या बस है) ख़ुदा तो सिर्फ परहेज़गारों की नज़र कुबूल करता है