105يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا عَلَيكُم أَنفُسَكُم ۖ لا يَضُرُّكُم مَن ضَلَّ إِذَا اهتَدَيتُم ۚ إِلَى اللَّهِ مَرجِعُكُم جَميعًا فَيُنَبِّئُكُم بِما كُنتُم تَعمَلونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऐ ईमान वालों तुम अपनी ख़बर लो जब तुम राहे रास्त पर हो तो कोई गुमराह हुआ करे तुम्हें नुक़सान नहीं पहुँचा सकता तुम सबके सबको ख़ुदा ही की तरफ लौट कर जाना है तब (उस वक्त नेक व बद) जो कुछ (दुनिया में) करते थे तुम्हें बता देगा