3إِنَّ الَّذينَ يَغُضّونَ أَصواتَهُم عِندَ رَسولِ اللَّهِ أُولٰئِكَ الَّذينَ امتَحَنَ اللَّهُ قُلوبَهُم لِلتَّقوىٰ ۚ لَهُم مَغفِرَةٌ وَأَجرٌ عَظيمٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीबेशक जो लोग रसूले ख़ुदा के सामने अपनी आवाज़ें धीमी कर लिया करते हैं यही लोग हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने परहेज़गारी के लिए जाँच लिया है उनके लिए (आख़ेरत में) बख़्शिस और बड़ा अज्र है