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Sura 49
Aya 3
3
إِنَّ الَّذينَ يَغُضّونَ أَصواتَهُم عِندَ رَسولِ اللَّهِ أُولٰئِكَ الَّذينَ امتَحَنَ اللَّهُ قُلوبَهُم لِلتَّقوىٰ ۚ لَهُم مَغفِرَةٌ وَأَجرٌ عَظيمٌ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे लोग जो अल्लाह के रसूल के समक्ष अपनी आवाज़ों को दबी रखते है, वही लोग है जिनके दिलों को अल्लाह ने परहेज़गारी के लिए जाँचकर चुन लिया है। उनके लिए क्षमा और बड़ा बदला है