17لَيسَ عَلَى الأَعمىٰ حَرَجٌ وَلا عَلَى الأَعرَجِ حَرَجٌ وَلا عَلَى المَريضِ حَرَجٌ ۗ وَمَن يُطِعِ اللَّهَ وَرَسولَهُ يُدخِلهُ جَنّاتٍ تَجري مِن تَحتِهَا الأَنهارُ ۖ وَمَن يَتَوَلَّ يُعَذِّبهُ عَذابًا أَليمًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदन अन्धे के लिए कोई हरज है, न लँगडे के लिए कोई हरज है और न बीमार के लिए कोई हरज है। जो भी अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करेगा, उसे वह ऐसे बाग़ों में दाख़िल करके, जिनके नीचे नहरे बह रही होगी, किन्तु जो मुँह फेरेगा उसे वह दुखद यातना देगा