25تُدَمِّرُ كُلَّ شَيءٍ بِأَمرِ رَبِّها فَأَصبَحوا لا يُرىٰ إِلّا مَساكِنُهُم ۚ كَذٰلِكَ نَجزِي القَومَ المُجرِمينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदहर चीज़ को अपने रब के आदेश से विनष्ट- कर देगी।" अन्ततः वे ऐसे हो गए कि उनके रहने की जगहों के सिवा कुछ नज़र न आता था। अपराधी लोगों को हम इसी तरह बदला देते है