24فَلَمّا رَأَوهُ عارِضًا مُستَقبِلَ أَودِيَتِهِم قالوا هٰذا عارِضٌ مُمطِرُنا ۚ بَل هُوَ مَا استَعجَلتُم بِهِ ۖ ريحٌ فيها عَذابٌ أَليمٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदफिर जब उन्होंने उसे बादल के रूप में देखा, जिसका रुख़ उनकी घाटियों की ओर था, तो वे कहने लगे, "यह बादल है जो हमपर बरसनेवाला है!' "नहीं, बल्कि यह तो वही चीज़ है जिसके लिए तुमने जल्दी मचा रखी थी। - यह वायु है जिसमें दुखद यातना है