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Sura 46
Aya 21
21
۞ وَاذكُر أَخا عادٍ إِذ أَنذَرَ قَومَهُ بِالأَحقافِ وَقَد خَلَتِ النُّذُرُ مِن بَينِ يَدَيهِ وَمِن خَلفِهِ أَلّا تَعبُدوا إِلَّا اللَّهَ إِنّي أَخافُ عَلَيكُم عَذابَ يَومٍ عَظيمٍ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

आद के भाई को याद करो, जबकि उसने अपनी क़ौम के लोगों को अहक़ाफ़ में सावधान किया, और उसके आगे और पीछे भी सावधान करनेवाले गुज़र चुके थे - कि, "अल्लाह के सिवा किसी की बन्दगी न करो। मुझे तुम्हारे बारे में एक बड़े दिन की यातना का भय है।"