9وَإِذا عَلِمَ مِن آياتِنا شَيئًا اتَّخَذَها هُزُوًا ۚ أُولٰئِكَ لَهُم عَذابٌ مُهينٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब हमारी आयतों में से किसी आयत पर वाक़िफ़ हो जाता है तो उसकी हँसी उड़ाता है ऐसे ही लोगों के वास्ते ज़लील करने वाला अज़ाब है