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Sura 45
Aya 5
5
وَاختِلافِ اللَّيلِ وَالنَّهارِ وَما أَنزَلَ اللَّهُ مِنَ السَّماءِ مِن رِزقٍ فَأَحيا بِهِ الأَرضَ بَعدَ مَوتِها وَتَصريفِ الرِّياحِ آياتٌ لِقَومٍ يَعقِلونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

और रात और दिन के उलट-फेर में भी, और उस रोज़ी (पानी) में भी जिसे अल्लाह ने आकाश से उतारा, फिर उसके द्वारा धरती को उसके उन मुर्दा हो जाने के पश्चात जीवित किया और हवाओं की गर्दिश में भीलोगों के लिए बहुत-सी निशानियाँ है जो बुद्धि से काम लें