35ذٰلِكُم بِأَنَّكُمُ اتَّخَذتُم آياتِ اللَّهِ هُزُوًا وَغَرَّتكُمُ الحَياةُ الدُّنيا ۚ فَاليَومَ لا يُخرَجونَ مِنها وَلا هُم يُستَعتَبونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीये इस सबब से कि तुम लोगों ने ख़ुदा की आयतों को हँसी ठट्ठा बना रखा था और दुनयावी ज़िन्दगी ने तुमको धोखे में डाल दिया था ग़रज़ ये लोग न तो आज दुनिया से निकाले जाएँगे और न उनको इसका मौका दिया जाएगा कि (तौबा करके ख़ुदा को) राज़ी कर ले