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Sura 45
Aya 35
35
ذٰلِكُم بِأَنَّكُمُ اتَّخَذتُم آياتِ اللَّهِ هُزُوًا وَغَرَّتكُمُ الحَياةُ الدُّنيا ۚ فَاليَومَ لا يُخرَجونَ مِنها وَلا هُم يُستَعتَبونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

यह इस कारण कि तुमने अल्लाह की आयतों की हँसी उड़ाई थी और सांसारिक जीवन ने तुम्हें धोखे में डाले रखा।" अतः आज वे न तो उससे निकाले जाएँगे और न उनसे यह चाहा जाएगा कि वे किसी उपाय से (अल्लाह के) प्रकोप को दूर कर सकें