34وَقيلَ اليَومَ نَنساكُم كَما نَسيتُم لِقاءَ يَومِكُم هٰذا وَمَأواكُمُ النّارُ وَما لَكُم مِن ناصِرينَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर कह दिया जाएगा कि "आज हम तुम्हें भुला देते हैं जैसे तुमने इस दिन की भेंट को भुला रखा था। तुम्हारा ठिकाना अब आग है और तुम्हारा कोई सहायक नहीं