24وَقالوا ما هِيَ إِلّا حَياتُنَا الدُّنيا نَموتُ وَنَحيا وَما يُهلِكُنا إِلَّا الدَّهرُ ۚ وَما لَهُم بِذٰلِكَ مِن عِلمٍ ۖ إِن هُم إِلّا يَظُنّونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर वह लोग कहते हैं कि हमारी ज़िन्दगी तो बस दुनिया ही की है (यहीं) मरते हैं और (यहीं) जीते हैं और हमको बस ज़माना ही (जिलाता) मारता है और उनको इसकी कुछ ख़बर तो है नहीं ये लोग तो बस अटकल की बातें करते हैं