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Sura 45
Aya 24
24
وَقالوا ما هِيَ إِلّا حَياتُنَا الدُّنيا نَموتُ وَنَحيا وَما يُهلِكُنا إِلَّا الدَّهرُ ۚ وَما لَهُم بِذٰلِكَ مِن عِلمٍ ۖ إِن هُم إِلّا يَظُنّونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

वे कहते है, "वह तो बस हमारा सांसारिक जीवन ही है। हम मरते और जीते है। हमें तो बस काल (समय) ही विनष्ट करता है।" हालाँकि उनके पास इसका कोई ज्ञान नहीं। वे तो बस अटकलें ही दौड़ाते है