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Sura 45
Aya 23
23
أَفَرَأَيتَ مَنِ اتَّخَذَ إِلٰهَهُ هَواهُ وَأَضَلَّهُ اللَّهُ عَلىٰ عِلمٍ وَخَتَمَ عَلىٰ سَمعِهِ وَقَلبِهِ وَجَعَلَ عَلىٰ بَصَرِهِ غِشاوَةً فَمَن يَهديهِ مِن بَعدِ اللَّهِ ۚ أَفَلا تَذَكَّرونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या तुमने उस व्यक्ति को नहीं देखा जिसने अपनी इच्छा ही को अपना उपास्य बना लिया? अल्लाह ने (उसकी स्थिति) जानते हुए उसे गुमराही में डाल दिया, और उसके कान और उसके दिल पर ठप्पा लगा दिया और उसकी आँखों पर परदा डाल दिया। फिर अब अल्लाह के पश्चात कौन उसे मार्ग पर ला सकता है? तो क्या तुम शिक्षा नहीं ग्रहण करते?