3إِنّا أَنزَلناهُ في لَيلَةٍ مُبارَكَةٍ ۚ إِنّا كُنّا مُنذِرينَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीहमने इसको मुबारक रात (शबे क़द्र) में नाज़िल किया बेशक हम (अज़ाब से) डराने वाले थे