65فَاختَلَفَ الأَحزابُ مِن بَينِهِم ۖ فَوَيلٌ لِلَّذينَ ظَلَموا مِن عَذابِ يَومٍ أَليمٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदकिन्तु उनमें के कितने ही गिरोहों ने आपस में विभेद किया। अतः तबाही है एक दुखद दिन की यातना से, उन लोगों के लिए जिन्होंने ज़ुल्म किया