47فَلَمّا جاءَهُم بِآياتِنا إِذا هُم مِنها يَضحَكونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदलेकिन जब वह उनके पास हमारी निशानियाँ लेकर आया तो क्या देखते है कि वे लगे उनकी हँसी उड़ाने