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Sura 43
Aya 40
40
أَفَأَنتَ تُسمِعُ الصُّمَّ أَو تَهدِي العُميَ وَمَن كانَ في ضَلالٍ مُبينٍ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

तो (ऐ रसूल) क्या तुम बहरों को सुना सकते हो या अन्धे को और उस शख़्श को जो सरीही गुमराही में पड़ा हो रास्ता दिखा सकते हो (हरगिज़ नहीं)