40أَفَأَنتَ تُسمِعُ الصُّمَّ أَو تَهدِي العُميَ وَمَن كانَ في ضَلالٍ مُبينٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो (ऐ रसूल) क्या तुम बहरों को सुना सकते हो या अन्धे को और उस शख़्श को जो सरीही गुमराही में पड़ा हो रास्ता दिखा सकते हो (हरगिज़ नहीं)