39وَلَن يَنفَعَكُمُ اليَومَ إِذ ظَلَمتُم أَنَّكُم فِي العَذابِ مُشتَرِكونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जब तुम नाफरमानियाँ कर चुके तो (शयातीन के साथ) तुम्हारा अज़ाब में शरीक होना भी आज तुमको (अज़ाब की कमी में) कोई फायदा नहीं पहुँचा सकता