36وَمَن يَعشُ عَن ذِكرِ الرَّحمٰنِ نُقَيِّض لَهُ شَيطانًا فَهُوَ لَهُ قَرينٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो शख़्श ख़ुदा की चाह से अन्धा बनता है हम (गोया ख़ुद) उसके वास्ते शैतान मुक़र्रर कर देते हैं तो वही उसका (हर दम का) साथी है