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Sura 43
Aya 36
36
وَمَن يَعشُ عَن ذِكرِ الرَّحمٰنِ نُقَيِّض لَهُ شَيطانًا فَهُوَ لَهُ قَرينٌ

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो शख़्श ख़ुदा की चाह से अन्धा बनता है हम (गोया ख़ुद) उसके वास्ते शैतान मुक़र्रर कर देते हैं तो वही उसका (हर दम का) साथी है