36وَمَن يَعشُ عَن ذِكرِ الرَّحمٰنِ نُقَيِّض لَهُ شَيطانًا فَهُوَ لَهُ قَرينٌफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो रहमान के स्मरण की ओर से अंधा बना रहा है, हम उसपर एक शैतान नियुक्त कर देते है तो वही उसका साथी होता है