34وَلِبُيوتِهِم أَبوابًا وَسُرُرًا عَلَيها يَتَّكِئونَफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर उनके घरों के दरवाज़े और वह तख्त जिन पर तकिये लगाते हैं चाँदी और सोने के बना देते