46وَما كانَ لَهُم مِن أَولِياءَ يَنصُرونَهُم مِن دونِ اللَّهِ ۗ وَمَن يُضلِلِ اللَّهُ فَما لَهُ مِن سَبيلٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर उनके कुछ संरक्षक भी न होंगे, जो सहायता करके उन्हें अल्लाह से बचा सकें। जिसे अल्लाह गुमराही में डाल दे तो उसके लिए फिर कोई मार्ग नहीं।"