33إِن يَشَأ يُسكِنِ الرّيحَ فَيَظلَلنَ رَواكِدَ عَلىٰ ظَهرِهِ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِكُلِّ صَبّارٍ شَكورٍफ़ारूक़ ख़ान & नदवीअगर ख़ुदा चाहे तो हवा को ठहरा दे तो जहाज़ भी समन्दर की सतह पर (खड़े के खड़े) रह जाएँ बेशक तमाम सब्र और शुक्र करने वालों के वास्ते इन बातों में (ख़ुदा की क़ुदरत की) बहुत सी निशानियाँ हैं