33إِن يَشَأ يُسكِنِ الرّيحَ فَيَظلَلنَ رَواكِدَ عَلىٰ ظَهرِهِ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِكُلِّ صَبّارٍ شَكورٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदयदि वह चाहे तो वायु को ठहरा दे, तो वे समुद्र की पीठ पर ठहरे रह जाएँ - निश्चय ही इसमें कितनी ही निशानियाँ है हर उस व्यक्ति के लिए जो अत्यन्त धैर्यवान, कृतज्ञ हो