30وَما أَصابَكُم مِن مُصيبَةٍ فَبِما كَسَبَت أَيديكُم وَيَعفو عَن كَثيرٍफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो मुसीबत तुम्हें पहुँची वह तो तुम्हारे अपने हाथों की कमाई से पहुँची और बहुत कुछ तो वह माफ़ कर देता है