17اللَّهُ الَّذي أَنزَلَ الكِتابَ بِالحَقِّ وَالميزانَ ۗ وَما يُدريكَ لَعَلَّ السّاعَةَ قَريبٌफ़ारूक़ ख़ान & नदवीख़ुदा ही तो है जिसने सच्चाई के साथ किताब नाज़िल की और अदल (व इन्साफ़ भी नाज़िल किया) और तुमको क्या मालूम यायद क़यामत क़रीब ही हो