56إِنَّ الَّذينَ يُجادِلونَ في آياتِ اللَّهِ بِغَيرِ سُلطانٍ أَتاهُم ۙ إِن في صُدورِهِم إِلّا كِبرٌ ما هُم بِبالِغيهِ ۚ فَاستَعِذ بِاللَّهِ ۖ إِنَّهُ هُوَ السَّميعُ البَصيرُफ़ारूक़ ख़ान & अहमदजो लोग बिना किसी ऐसे प्रमाण के जो उनके पास आया हो अल्लाह की आयतों में झगड़ते है उनके सीनों में केवल अहंकार है जिसतक वे पहुँचनेवाले नहीं। अतः अल्लाह की शरण लो। निश्चय ही वह सुनता, देखता है