55فَاصبِر إِنَّ وَعدَ اللَّهِ حَقٌّ وَاستَغفِر لِذَنبِكَ وَسَبِّح بِحَمدِ رَبِّكَ بِالعَشِيِّ وَالإِبكارِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः धैर्य से काम लो। निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है और अपने क़सूर की क्षमा चाहो और संध्या समय और प्रातः की घड़ियों में अपने रब की प्रशंसा की तसबीह करो