42تَدعونَني لِأَكفُرَ بِاللَّهِ وَأُشرِكَ بِهِ ما لَيسَ لي بِهِ عِلمٌ وَأَنا أَدعوكُم إِلَى العَزيزِ الغَفّارِफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुम मुझे बुला रहे हो कि मैं अल्लाह के साथ कुफ़्र करूँ और उसके साथ उसे साझी ठहराऊँ जिसका मुझे कोई ज्ञान नहीं, जबकि मैं तुम्हें बुला रहा हूँ उसकी ओर जो प्रभुत्वशाली, अत्यन्त क्षमाशील है