82أَفَلا يَتَدَبَّرونَ القُرآنَ ۚ وَلَو كانَ مِن عِندِ غَيرِ اللَّهِ لَوَجَدوا فيهِ اختِلافًا كَثيرًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीतो क्या ये लोग क़ुरान में भी ग़ौर नहीं करते और (ये नहीं ख्याल करते कि) अगर ख़ुदा के सिवा किसी और की तरफ़ से (आया) होता तो ज़रूर उसमें बड़ा इख्तेलाफ़ पाते