72وَإِنَّ مِنكُم لَمَن لَيُبَطِّئَنَّ فَإِن أَصابَتكُم مُصيبَةٌ قالَ قَد أَنعَمَ اللَّهُ عَلَيَّ إِذ لَم أَكُن مَعَهُم شَهيدًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदतुमसे से कोई ऐसा भी है जो ढीला पड़ जाता है, फिर यदि तुमपर कोई मुसीबत आए तो कहने लगता है कि अल्लाह ने मुझपर कृपा की कि मैं इन लोगों के साथ न गया