71يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا خُذوا حِذرَكُم فَانفِروا ثُباتٍ أَوِ انفِروا جَميعًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऐ ईमान लानेवालो! अपने बचाव की साम्रगी (हथियार आदि) सँभालो। फिर या तो अलग-अलग टुकड़ियों में निकलो या इकट्ठे होकर निकलो