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Sura 4
Aya 60
60
أَلَم تَرَ إِلَى الَّذينَ يَزعُمونَ أَنَّهُم آمَنوا بِما أُنزِلَ إِلَيكَ وَما أُنزِلَ مِن قَبلِكَ يُريدونَ أَن يَتَحاكَموا إِلَى الطّاغوتِ وَقَد أُمِروا أَن يَكفُروا بِهِ وَيُريدُ الشَّيطانُ أَن يُضِلَّهُم ضَلالًا بَعيدًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) क्या तुमने उन लोगों की (हालत) पर नज़र नहीं की जो ये ख्याली पुलाओ पकाते हैं कि जो किताब तुझ पर नाज़िल की गयी और जो किताबें तुम से पहले नाज़िल की गयी (सब पर ईमान है) लाए और दिली तमन्ना ये है कि सरकशों को अपना हाकिम बनाएं हालॉकि उनको हुक्म दिया गया कि उसकी बात न मानें और शैतान तो यह चाहता है कि उन्हें बहका के बहुत दूर ले जाए