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Sura 4
Aya 59
59
يا أَيُّهَا الَّذينَ آمَنوا أَطيعُوا اللَّهَ وَأَطيعُوا الرَّسولَ وَأُولِي الأَمرِ مِنكُم ۖ فَإِن تَنازَعتُم في شَيءٍ فَرُدّوهُ إِلَى اللَّهِ وَالرَّسولِ إِن كُنتُم تُؤمِنونَ بِاللَّهِ وَاليَومِ الآخِرِ ۚ ذٰلِكَ خَيرٌ وَأَحسَنُ تَأويلًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

ऐ ईमानदारों ख़ुदा की इताअत करो और रसूल की और जो तुममें से साहेबाने हुकूमत हों उनकी इताअत करो और अगर तुम किसी बात में झगड़ा करो पस अगर तुम ख़ुदा और रोज़े आख़िरत पर ईमान रखते हो तो इस अम्र में ख़ुदा और रसूल की तरफ़ रूजू करो यही तुम्हारे हक़ में बेहतर है और अन्जाम की राह से बहुत अच्छा है