48إِنَّ اللَّهَ لا يَغفِرُ أَن يُشرَكَ بِهِ وَيَغفِرُ ما دونَ ذٰلِكَ لِمَن يَشاءُ ۚ وَمَن يُشرِك بِاللَّهِ فَقَدِ افتَرىٰ إِثمًا عَظيمًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअल्लाह इसके क्षमा नहीं करेगा कि उसका साझी ठहराया जाए। किन्तु उससे नीचे दर्जे के अपराध को जिसके लिए चाहेगा, क्षमा कर देगा और जिस किसी ने अल्लाह का साझी ठहराया, तो उसने एक बड़ा झूठ घड़ लिया