21وَكَيفَ تَأخُذونَهُ وَقَد أَفضىٰ بَعضُكُم إِلىٰ بَعضٍ وَأَخَذنَ مِنكُم ميثاقًا غَليظًاफ़ारूक़ ख़ान & अहमदऔर तुम उसे किस तरह ले सकते हो, जबकि तुम एक-दूसरे से मिल चुके हो और वे तुमसे दृढ़ प्रतिज्ञा भी ले चुकी है?