112وَمَن يَكسِب خَطيئَةً أَو إِثمًا ثُمَّ يَرمِ بِهِ بَريئًا فَقَدِ احتَمَلَ بُهتانًا وَإِثمًا مُبينًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो शख्स कोई ख़ता या गुनाह करे फिर उसे किसी बेक़सूर के सर थोपे तो उसने एक बड़े (इफ़तेरा) और सरीही गुनाह को अपने ऊपर लाद लिया