111وَمَن يَكسِب إِثمًا فَإِنَّما يَكسِبُهُ عَلىٰ نَفسِهِ ۚ وَكانَ اللَّهُ عَليمًا حَكيمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवीऔर जो शख्स कोई गुनाह करता है तो उससे कुछ अपना ही नुक़सान करता है और ख़ुदा तो (हर चीज़ से) वाक़िफ़ (और) बड़ी तदबीर वाला है