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Sura 4
Aya 105
105
إِنّا أَنزَلنا إِلَيكَ الكِتابَ بِالحَقِّ لِتَحكُمَ بَينَ النّاسِ بِما أَراكَ اللَّهُ ۚ وَلا تَكُن لِلخائِنينَ خَصيمًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

(ऐ रसूल) हमने तुमपर बरहक़ किताब इसलिए नाज़िल की है कि ख़ुदा ने तुम्हारी हिदायत की है उसी तरह लोगों के दरमियान फ़ैसला करो और ख्यानत करने वालों के तरफ़दार न बनो