105إِنّا أَنزَلنا إِلَيكَ الكِتابَ بِالحَقِّ لِتَحكُمَ بَينَ النّاسِ بِما أَراكَ اللَّهُ ۚ وَلا تَكُن لِلخائِنينَ خَصيمًاफ़ारूक़ ख़ान & नदवी(ऐ रसूल) हमने तुमपर बरहक़ किताब इसलिए नाज़िल की है कि ख़ुदा ने तुम्हारी हिदायत की है उसी तरह लोगों के दरमियान फ़ैसला करो और ख्यानत करने वालों के तरफ़दार न बनो