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Sura 4
Aya 100
100
۞ وَمَن يُهاجِر في سَبيلِ اللَّهِ يَجِد فِي الأَرضِ مُراغَمًا كَثيرًا وَسَعَةً ۚ وَمَن يَخرُج مِن بَيتِهِ مُهاجِرًا إِلَى اللَّهِ وَرَسولِهِ ثُمَّ يُدرِكهُ المَوتُ فَقَد وَقَعَ أَجرُهُ عَلَى اللَّهِ ۗ وَكانَ اللَّهُ غَفورًا رَحيمًا

फ़ारूक़ ख़ान & नदवी

और जो शख्स ख़ुदा की राह में हिजरत करेगा तो वह रूए ज़मीन में बा फ़राग़त (चैन से रहने सहने के) बहुत से कुशादा मक़ाम पाएगा और जो शख्स अपने घर से जिलावतन होके ख़ुदा और उसके रसूल की तरफ़ निकल ख़ड़ा हुआ फिर उसे (मंज़िले मक़सूद) तक पहुंचने से पहले मौत आ जाए तो ख़ुदा पर उसका सवाब लाज़िम हो गया और ख़ुदा तो बड़ा बख्श ने वाला मेहरबान है ही