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Sura 39
Aya 52
52
أَوَلَم يَعلَموا أَنَّ اللَّهَ يَبسُطُ الرِّزقَ لِمَن يَشاءُ وَيَقدِرُ ۚ إِنَّ في ذٰلِكَ لَآياتٍ لِقَومٍ يُؤمِنونَ

फ़ारूक़ ख़ान & अहमद

क्या उन्हें मालूम नहीं कि अल्लाह जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है नपी-तुली कर देता है? निस्संदेह इसमें उन लोगों के लिए बड़ी निशानियाँ है जो ईमान लाएँ