49فَإِذا مَسَّ الإِنسانَ ضُرٌّ دَعانا ثُمَّ إِذا خَوَّلناهُ نِعمَةً مِنّا قالَ إِنَّما أوتيتُهُ عَلىٰ عِلمٍ ۚ بَل هِيَ فِتنَةٌ وَلٰكِنَّ أَكثَرَهُم لا يَعلَمونَफ़ारूक़ ख़ान & अहमदअतः जब मनुष्य को कोई तकलीफ़ पहुँचती है तो वह हमें पुकारने लगता है, फिर जब हमारी ओर से उसपर कोई अनुकम्पा होती है तो कहता है, "यह तो मुझे ज्ञान के कारण प्राप्त हुआ।" नहीं, बल्कि यह तो एक परीक्षा है, किन्तु उनमें से अधिकतर जानते नहीं